Budget 2024: सरकार ने अपने आगामी बजट में वित्त वर्ष के लिए कृषि ऋण लक्ष्य को 22 से 25 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। वर्तमान वित्त वर्ष में, दिसंबर 2023 तक, कृषि-ऋण का लक्ष्य लगभग 82 प्रतिशत हासिल कर लिया गया है, जिसमें निजी और सार्वजनिक बैंकों द्वारा लगभग 16.37 लाख करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है।
सरकार ने अपने अंतरिम बजट में आने वाले वित्त वर्ष के लिए कृषि ऋण लक्ष्य को 22 से 25 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने का विकल्प रखा है। साथ ही, यह भी सुनिश्चित करेगी कि हर पात्र किसान अपने संस्थागत ऋण की सही स्थिति में पहुंचे। वर्तमान वित्त वर्ष के लिए सरकार का कृषि ऋण लक्ष्य 20 लाख करोड़ रुपये है।
Budget 2024: सरकार की स्कीम
Budget 2024: वर्तमान में, सरकार सभी वित्तीय संस्थानों के लिए तीन लाख रुपये तक के अल्पकालिक ऋण पर दो प्रतिशत की छूट प्रदान कर रही है। इसका अर्थ है कि किसानों को प्रति वर्ष सात प्रतिशत की रियायती दर पर तीन लाख रुपये का कृषि ऋण उपलब्ध है। समय पर भुगतान करने वाले किसानों को प्रति वर्ष तीन प्रतिशत की अतिरिक्त ब्याज छूट भी प्रदान की जा रही है।
किसान लंबे समय के लिए ऋण लेने का विकल्प रखते हैं, परंतु उनकी ब्याज दर बाजार के हिसाब से निर्धारित होती है। सूत्रों के अनुसार, कृषि ऋण पर अब अधिक ध्यान दिया जा रहा है, और सरकार विशेष रूप से उन किसानों की पहचान कर रही है जो छूटे हुए हैं और उन्हें ऋण नेटवर्क में शामिल करने के लिए विभिन्न पहलूओं का आयोजन कर रही है। सूत्रों ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में, विभिन्न कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए ऋण वितरण का लक्ष्य स्थापित किया गया है और इसमें वृद्धि हुई है।
82 प्रतिशत लक्ष्य हुआ हासिल
Budget 2024: चालू वित्त वर्ष में, दिसंबर 2023 तक 20 लाख करोड़ रुपये के कृषि-ऋण लक्ष्य का लगभग 82 प्रतिशत हासिल कर लिया गया है। इस अवधि के दौरान, निजी और सार्वजनिक बैंकों ने लगभग 16.37 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण प्रदान किया है।
कृषि ऋण वितरण का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष में भी संभावना है कि यह लक्ष्य से अधिक हो। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, कुल कृषि ऋण वितरण 21.55 लाख करोड़ रुपये था, जो तय किए गए 18.50 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य से अधिक था।
Budget 2024: किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से 7.34 करोड़ किसानों ने कर्ज प्राप्त किया है। 31 मार्च 2023 तक लगभग 8.85 लाख करोड़ रुपये बकाया है। एनएसएस की रिपोर्ट के अनुसार, देश में ऋणग्रस्त कृषि परिवारों का आंकड़ा 50.2 प्रतिशत है, जिसमें से 69.6 प्रतिशत बकाया ऋण संस्थागत स्त्रोतों से लिया गया था।
एनएसएस की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों के अनुसार अभी भी एक बड़ा वर्ग है जिसमें कृषि परिवारों को संस्थागत ऋण तक पहुंच नहीं है। सरकार इस वर्ग को आधिकारिक क्रेडिट नेटवर्क के तहत लाने का लक्ष्य बना रही है।